देवरिया रुद्रपुर। सऊदी अरब की एक कंपनी में नजरबंद छितही बाजार के रहने वाले युवक का पूरा परिवार सदमे में है।
वह सात माह से कंपनी में बंधक है। परिवार में बूढ़ी मां और बीमार पिता बेटे की जिंदगी को लेकर तिल-तिल मर रहे हैं। उन लोगों ने सरकार से बेटे को बंधन मुक्त कराकर घर वापसी करने की गुहार लगाई है।
परिवार के एक मात्र कमाऊ सदस्य अनिल निषाद के परदेश में फंस जाने से घर की माली स्थिति डावांडोल हो चुकी है। वह मार्च 23 में सऊदी अरब स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में श्रमिक के तौर पर कमाने गया था।
सात माह पहले कंपनी बंद हो गई। कंपनी में काम करने वाले श्रमिकों का वीजा और पासपोर्ट नहीं मिल रहा है।
अनिल के साथ करीब चार साै वर्कर फंसे हैं। वह सात माह से घर से रुपये मंगा कर किसी तरह जिंदगी काट रहे हैं। विदेश में फंसे युवकों कि घर वापसी नहीं हो पा रही है। सऊदी अरब में फंसे अनिल की मां रामवती देवी ने कहा कि बेटे का हाल जानने के बाद रातों की नींद हराम हो गई है।हम लोग उसका सकुशल वापसी चाहते हैं। पहले कंपनी से सैलरी मिलती थी तो परिवार चल रहा था।
इधर सात महीने से उसको खाने-पीने के लिए पैसा भेजना पड़ रहा है। बेटे की जिंदगी बचाने में कर्ज लेकर रुपया भेजना पड़ रहा है। पत्नी संगीता देवी का रोकर बुरा हाल है।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ऋतिक और रोमन की पढ़ाई रुक गई है। पति की जिंदगी दांव पर लगी है। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। ससुर चांदबली बीमार चल रहे हैं। रुपये के अभाव में उनका दवाई इलाज भी नहीं हो पा रहा है। परिवार बहुत बड़े संकट से जूझ रहा है।
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