ट्रेन जब नई दिल्ली से निकली तो ट्रेन में सवार टूंडला हेडक्वार्टर के आरपीएफ के एस्कॉर्ट एसआई रामप्रकाश व कांस्टेबल आरपी मीना को वातानुकूलित कोच ए-1 व ए-2 में रखे सामानों पर शक हुआ। उन्होंने जांच की तो कोच में रखे जाने वाले कंबल व चादरों की अलमारी में संदिग्ध काॅर्टन व अन्य सामान दिखाई दिए। मुख्य टिकट निरीक्षक कुलदीप कुमार के साथ जब आरपीएफ एस्कॉर्ट ने सामानों की चेकिंग की तो इलेक्ट्राॅनिक सामानों के बीच बड़ी संख्या में अंग्रेजी शराब की बोतलें नजर आईं। तत्काल इसकी जानकारी कॉमर्शियल स्टाफ व टूंडला रेलवे सुरक्षा बल व राजकीय रेलवे पुलिस को दी गई।
ट्रेन रात 8.20 बजे टूंडला स्टेशन पहुंची तो सीएमआई मनोज कुमार के निर्देशन में जीआरपी प्रभारी अमित कुमार व आरपीएफ कंपनी कमांडर अमित चौधरी ने फोर्स के साथ कोच ए-1 व ए-2 को चारों ओर से घेर लिया। आरपीएफ कंपनी कमांडर का कहना है कि पकड़ी गई शराब कितनी है, इसकी अभी गिनती नहीं हुई है।
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मंत्री का हवाला देकर की शराब तस्करी की कोशिश, ट्रेन में रखवाया गया अवैध सामान
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नई दिल्ली स्टेशन पर सामान देने वालों ने उन्हें बताया था कि माल बिहार के एक बडे़ मंत्री का है। उन्हें बताया गया था कि कार्टन में दवाइयां रखी हैं। उन्हें पैसों का लालच दिया गया था। माल पहुंचाने पर तीनों को पांच-पाच हजार रुपये दिए जाने थे। माल झारखंड के जसदीह स्टेशन पर उतरा जाना था।
ट्रेन में बरामद हुई प्रीमियम ब्रांड की शराब, तस्करी में बड़ा नेटवर्क संदेह के घेरे में
पकड़ी गई शराब महंगे ब्रांड की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि एक कुछ ब्रांड ऐसे हैं जिनकी कीमत 30 हजार रुपये प्रति बोतल है।